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- 5 September 2024,
- (अपडेटेड 5 सितंबर 2024, 01:19 AM)
कमिश्नर ने कहा कि जब मैंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने का फैसला किया, तो मुझे बहुत सारे लिंगभेद पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ा. किसी के पास यह साबित करने के लिए आंतरिक विश्वास होना चाहिए कि आपका विकल्प तर्कसंगत है और सफल होने की इच्छा अनुशासन से आती है.
एमिटी यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएट और इंटीग्रेटेड पाठयक्रमों के फ़र्स्ट ईयर के 7000 नवप्रवेशित छात्रों के लिए ‘दीक्षारंभ’ प्रेरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के अंर्तगत बुधवार को गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और एमिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ अतुल चौहान ने छात्रों को संबोधित किया.
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने छात्रों कों अनुशासन के महत्व पर कहा कि मुझे शिक्षण संस्थानों और छात्रों से बहुत सारी सकारात्मक उर्जा मिलती है और आज मैं यहां जीवन मूल्यों और छात्रों को चुनने के लिए मार्ग के बारे में बात करने के लिए हूं. जब हम स्वतंत्रता के बारे में बात करते हैं, तो कोई भी व्यक्ति इस दुनिया में स्वतंत्र नहीं है क्योंकि हम मनुष्य के रूप में पैदा हुए हैं, और हमारे पास जीवन में कुछ ज़िम्मेदारियां हैं. हालांकि, अनुशासन के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त की जा सकती है क्योंकि अनुशासन आपके दिमाग को मुक्त एंव शांत बनाता है और जब मस्तिष्क स्पष्ट होता है, तो आप स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं.

कमिश्नर ने कहा कि जब मैंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने का फैसला किया, तो मुझे बहुत सारे लिंगभेद पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ा. किसी के पास यह साबित करने के लिए आंतरिक विश्वास होना चाहिए कि आपका विकल्प तर्कसंगत है और सफल होने की इच्छा अनुशासन से आती है.
युवाओं द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “आज, युवा पीढ़ी सोशल मीडिया पर सब कुछ प्रदर्शित कर रही है और नैतिकता पीछे छूट गई है. हालांकि, अगर सोशल मीडिया का उपयोग हमारी क्षमता, कौशल और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है, तो यह एक सार्थक उद्देश्य पूरा करता है. जो सफलता पलक झपकते ही मिल जाती है, वह टिकाऊ नहीं होती है, इसलिए लगातार छोटे-छोटे कदम उठाना महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, हमें अपने विचारों को अनुशासित करना चाहिए और दूसरों के लिए सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बनना चाहिए. अंत में, अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ना बहुत ज़रूरी है, जहां लोग आपको आपके जाने के बाद भी याद रखें.

एक छात्र द्वारा विफलता के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, लक्ष्मी सिंह ने कहा कि जब आप असफल होते हैं और किसी समस्या का समाधान नहीं पा सकते हैं, तो आपको रीबूट, रिवाइंड और रीस्टार्ट की ज़रूरत होती है. जब आप नए दिमाग और नज़रिए से फिर से सोचना शुरू करते हैं, तो आपको अपनी समस्या का समाधान ज़रूर मिलेगा. उन्होंने छात्रों से सीखने की भूख को जीवित रखते हुए हमेशा आगे बढ़ते रहने का आह्वान किया, जो सफल होने के लिए बेहद ज़रूरी है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे कभी भी असफलता को जवाब के तौर पर न लें और उम्मीद की किरण बनें क्योंकि ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे इंसान हासिल न कर सके.
एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान ने कहा कि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के संबोधन ने छात्रों सहित हम सभी को प्रेरित किया है. आज का दिन छात्रों के लिए उत्साहपूर्ण दिवस है जब वे स्कूली जीवन से कॉलेज के जीवन में प्रवेश कर रहे है. आपने केवल एमिटी विश्वविद्यालय में ही प्रवेश नही लिया है बल्कि एक बृहद एमिटी परिवार का हिस्सा बन रहे है. हमारे संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान के राष्ट्र निर्माण के सहयोग में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे है. एमिटी में हम छात्रों के सर्वागीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है यहां का हर व्यक्ति आपकी सहायता हेतु तत्पर है. डा चौहान ने कहा कि एमिटी में आपके विकास हेतु सभी अवसर उपलब्ध है और उन अवसरों का लाभ उठायें.
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