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- 2 August 2024,
- (अपडेटेड 2 अगस्त 2024, 01:30 PM)
नोएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन तोमर ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा के गांवों में जलापूर्ति को लेकर एक RTI दाखिल की थी. इसके जवाब में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले 122 गांवों में से मात्र 66 में ही जलापूर्ति
देश के सबसे विकसित क्षेत्रों में शामिल नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों में भी अधिकारी जल आपूर्ति करने में अक्षम हैं. कारण, हाईटैक शहर बनने के बाद भी ग्रेटर नोएडा के करीब आधे गांवों में प्राधिकरणों द्वारा जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई है. इसके चलते इन शहरों के मूल निवासी भूजल पर निर्भर हैं.
दरअसल, नोएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन तोमर ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा के गांवों में जलापूर्ति को लेकर एक RTI दाखिल की थी. इसके जवाब में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले 122 गांवों में से मात्र 66 में ही जलापूर्ति की जा रही है जबकि 28 गांवों में जलापूर्ति के लिए काम जारी है. वहीं 12 गांवों में आदर्श ग्राम के रूप में काम किया जा रहा है, 14 गांवों में आंगणन स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है जबकि 2 गांवों में आबादी न होने के कारण कार्य प्रस्तावित नहीं है.

नोएडा की तर्ज़ पर गांवों के साथ भेदभाव
रंजन तोमर का कहना है कि उपरोक्त जानकारी से यह सिद्ध होता है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी नोएडा की तरह अपने अंतर्गत आने वाले गांवों के साथ भेदभाव और सौतेला व्यव्हार करता है. इससे यह भी स्पष्ट है कि आधे गांवों में पानी की सप्लाई आज तक नहीं पहुंची है, जो बेहद दुखद है.
तोमर ने कहा कि सीईओ को तुरंत इस बात का संज्ञान लेकर जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करवाने चाहिए. 21वीं सदी के सबसे विकसित शहरों में से एक में शामिल इस शहर के गांवों के साथ हो रहे व्यव्हार प्रदेश की तरक्की अपूर्ण रहेगी.