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- 31 August 2024,
- (अपडेटेड 31 अगस्त 2024, 03:19 AM)
सत्र की शुरुआत कॉलेज की निदेशक डॉo सपना राकेश के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने महिलाओं के रूप में अपने अधिकारों को जानने और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया.
ग्रेटर नोएडा स्थित जीएलबीआईएमआर की महिला प्रकोष्ठ के द्वारा महिलाओं के खिलाफ अपराध: कारण और रोकथाम पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अथिति और विषय की विशेषज्ञ डीएसपी, सीडीटीआई (बीपीआरडी) शीला चौधरी ने भाग लिया और अपराध के कारणों और उनके रोकथाम पर छात्राओं को जागरूक किया.
सत्र की शुरुआत कॉलेज की निदेशक डॉo सपना राकेश के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने महिलाओं के रूप में अपने अधिकारों को जानने और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया. पुलिस उपाधीक्षक शीला चौधरी ने नए आपराधिक कानून: भारतीय न्याय संहिता पर छात्रों से चर्चा की उन्होंने विशेष रूप से धारा 63 के अध्याय 5 और धारा 64 पर जोर दिया और विभिन्न न्यायपालिकाओं के कार्य को परिभाषित किया.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ये धाराएं सत्ता और विश्वास के पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई के प्रावधान प्रदान करती हैं. उन्होंने साइबर अपराध, अप्राकृतिक अपराध, पोर्नोग्राफी और बदमाशी से संबंधित आईटी अधिनियम 67 ए और बी पर भी प्रकाश डाला, ताकि छात्रों में सोशल मीडिया के पक्ष और विपक्ष के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके. उन्होंने हेल्पलाइन 112 पर डायल करके नागरिकों को आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली के बारे में भी बताया.
संस्थान के सीईओ कार्तिकेय अग्रवाल ने छात्रों से कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना और एक मजबूत संदेश देना है कि इस तरह के अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. हम सभी की जिम्मेदारी हैं की ऐसी अपराधों पर अंकुश लगाने में पुलिस की सहायता करें और महिलाओं का सम्मान करें.