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लखनऊ मेदांता अस्पताल पर आरोप: हार्ट में दिक्कत बताकर की 8 लाख की डिमांड, दूसरे डॉक्टर ने 125 रुपये में कर दिया इलाज

मेदांता अस्पताल के प्रशासन ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मरीज के हार्ट में दिक्कत थी, इसके इलाज के लिए उनको परामर्श दिया गया था लेकिन परिजन उसे बिना इलाज कराए अपने साथ ले गए थे.

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  • 8 June 2024,
  • (अपडेटेड 8 जून 2024, 03:32 PM)

लखनऊ का मेदांता अस्पताल एक विवाद में फस गया है. अस्पताल पर फर्जी बीमारी बताकर 8 लाख का इलाज खर्च बताने के आरोप लग रहे हैं. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के जन शिकायत पोर्टल पर एक मरीज ने की है. इसमें आरोप लगाया गया है कि गैस की परेशानी पर इलाज के लिए पहुंचे मरीज को मेदांता के डॉक्टरों ने हार्ट वाल्व खराब बात कर 8 लाख रुपये मांगे. वहीं मेदांता अस्पताल के प्रशासन ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मरीज के हार्ट में दिक्कत थी, इसके इलाज के लिए उनको परामर्श दिया गया था लेकिन परिजन उसे बिना इलाज कराए अपने साथ ले गए थे.

दरअसल, पोर्टल पर बीते 5 जून को लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में रहने वाले मोहन स्वरूप भारद्वाज ने एक शिकायत की थी. इसमें बताया गया कि 23 मई 2024 को मोहन स्वरूप भारद्वाज अपने घर में अचानक चक्कर खाकर गिर गए. आनन-फानन में पत्नी और भाई मेदांता अस्पताल ले गए, जहां कार्डियोलॉजी के डॉक्टर महिम शरण और अवनीश ने पेशेंट की एंजियोग्राफी कर जांच करवाई और कहा कि पेशेंट के हार्ट में छल्ला पड़ेगा. 8 लाख रुपये का खर्च आएगा. 30 मिनट के अंदर पैसे की व्यवस्था नहीं हुई तो पेशेंट मर जाएगा.

अस्पताल स्टाफ पर बदतमीजी का आरोप

परिजनों के पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी. इसी बीच मोहन स्वरूप भारद्वाज के मित्र मनोज कुमार ने कहा इनको हार्ट की कोई परेशानी नहीं है इन्हें पेट में गैस से परेशानी है. आरोप है कि परिजन डिस्चार्ज की मांग करने लगे तो डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने बदतमीजी की और झगड़ा करने लगे. किसी तरह मरीज को डिस्चार्ज कराकर पत्नी और भाई उनको दूसरे डॉक्टर के पास ले गए, जिसने सिर्फ 125 रुपए की दवाई लिखी. तीन इंजेक्शन दिए गए और 2 घंटे बाद मरीज को आराम मिल गया. सुबह 5:00 बजे मरीज घर भी आ गया.

अस्पताल ने आरोपों का किया खंडन

मुख्यमंत्री की जन शिकायत पोर्टल पर की गई शिकायत में अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. वहीं दूसरी तरफ मेदांता अस्पताल के प्रशासन का कहना है कि मरीज के लगाए सभी आरोप निराधार हैं. मेदांता अस्पताल ने जरूरी जांचें करवाईं. मरीज के हार्ट में दिक्कत थी, जिसके इलाज के लिए परामर्श दिया गया था. लेकिन मरीज के परिवार के लोग मरीज को लेकर चले गए. मरीज की जांच के बाद आई रिपोर्ट में उसे एक्यूट हार्ट अटैक था. मरीज की पत्नी ने इलाज कराने से मना कर दिया और LAMA कराकर ले गए.