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- 15 May 2024,
- (अपडेटेड 15 मई 2024, 05:08 AM)
हेलमेट मैन ने कहा भोपाल के आर्मी एरिया में रोड एक्सीडेंट 0% है. यह मिलिट्री पुलिस के सख्त नियम की देन है. लेकिन इसके बाहर सभी जगह सड़कों पर रक्त के निशान हैं और आए दिन सड़क दुर्घटना की खबरें सुर्खियों में बनी रहती हैं.
सुदर्शन चक्र कोर के मैदान में हेलमेट मैन ऑफ इंडिया भारतीय जवानों की रक्षा करने पहुंचे. दरअसल, छुट्टी लेकर घर जाने वाले कई जवानों की सड़क हादसों में घायल की खबर मिलती रहती है. भोपाल सुदर्शन चक्र में पिछले 4 महीनों में लगभग आठ जवानों की सड़क हादसों में हेलमेट न लगाने से मृत्यु हो गई. फौज के सभी बड़े अधिकारी के लिए चिंता का विषय बन गया. बिना किसी युद्ध के इस तरह जवानों को खोने के बाद एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई गई, जिसमें अपने जवानों की रक्षा करने के लिए हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया राघवेंद्र कुमार को आमंत्रित किया गया है.

हेलमेट मैन ने कहा भोपाल के आर्मी एरिया में रोड एक्सीडेंट 0% है. यह मिलिट्री पुलिस के सख्त नियम की देन है. लेकिन इसके बाहर सभी जगह सड़कों पर रक्त के निशान हैं और आए दिन सड़क दुर्घटना की खबरें सुर्खियों में बनी रहती हैं. क्योंकि भारत में हर साल सड़क हादसों की वजह से मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. 2022 में 1 लाख 68 हजार लोगों की मौत हुई, जिनमें 1200 जवानों की मौत के आंकड़े हैं, जो भारत के लिए एक बहुत बड़ी हानी है. क्योंकि आज सड़क हादसे में सिर्फ एक सामान्य व्यक्ति के मौत पर भारत सरकार के राजस्व का नुकसान 90 लाख का होता है. यानी सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना हेलमेट पहने घर से निकल रहा है, वह देश का 90 लाख रुपए लेकर सर पर खुलेआम घूम रहा है. जो हर भारतवासियों के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए.

उन्होंने तीन से चार दिनों तक मिलिट्री पुलिस के साथ कई जगहों पर भ्रमण किया. लगभग 1500 जवान और उनके परिवारों के बीच एक ऑडिटोरियम में मीटिंग के ऊपर चर्चा हुई. लेफ्टीनेंट जनरल प्रीत पाल सिंह एवं मेजर जनरल S K श्रीवास्तव, भोपाल ट्रेफिक डीसीपी आईपीएस संजय सिंह के साथ और भी कई बड़े अधिकारी ने भाग लिया. आर्मी जवानों की सुरक्षा के साथ, उनके परिवारों के ऊपर भी फोकस किया गया.
इस दौरान हेलमेट मैन ने कहा आज भारत का हर छोटा बच्चा मोबाईल और टीवी के माध्यम से बचपन से आर्मी का शौर्य देखकर उसकी तरह बनना चाहता है, इसलिए बच्चों की सुरक्षा ध्यान में रखते हुए कुछ छोटे बच्चों को हेलमेट पहनाकर हम सब एक पहल की आज शुरूआत करेंगे.

वहीं GOC प्रितपाल सिंह से कहा आर्मी कैंटीन में 18 साल से बड़े लोगों के लिए हेलमेट की उपलब्धता है लेकिन छोटे बच्चों के लिए नहीं है. जबकि भारत में 4 साल से ऊपर के बच्चों के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट से कानून पास करवाया है. अब आर्मी कैंटीन में छोटे बच्चों के लिए हेलमेट की उपलब्धता कराई जाए ताकी सभी माता पिता अपने बच्चों को बाइक पर हेलमेट पहनाकर स्कूल छोड़ें. और बड़े बच्चों को जब तक साइकिल पर हेलमेट लगाने की आदत ना बन जाए, तब तक कोई माता पिता बाइक या फिर स्कूटी उसके लिए ना खरीदें.
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